विश्नोई ने कहा कि नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए वह 1 सितंबर 2025 को कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) गए, लेकिन वहां जाकर पता चला कि इस नाम से कोई फाइल मौजूद ही नहीं है। मामले पर जब उन्होंने जानकारी जुटाई तो सामने आया कि यह सौदा उन्हें सुरेश यादव निवासी मेहरबान सिंह का पुरवा और संदीप तिवारी निवासी बर्रा-8 ने कराया था।
विश्नोई ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इन लोगों से बातचीत की तो अब वे धमकाने लगे और कहा कि अगर कोई कार्रवाई की तो परिणाम सही नहीं होंगे।
प्रेस वार्ता में उन्होंने वित्तीय लेन-देन के सबूत भी साझा किए। उन्होंने बताया कि मकान के सौदे में 20 लाख रुपये तय हुए थे, जिसमें एक लाख रुपये दलाली के तौर पर दिए गए। वहीं 13 लाख रुपये उन्होंने अरुण कुमार जायसवाल की पत्नी के खाते में RTGS के जरिए ट्रांसफर किए थे।
विश्नोई ने पुलिस-प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए मांग की है कि इस प्रकरण की जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सुरेश राठौर
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