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उत्तरप्रदेश,गाजीपुर
महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर 'जीरो टॉलरेंस' और 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत गाजीपुर पुलिस की प्रभावी पैरवी रंग लाई है। मंगलवार को स्थानीय अदालत ने दहेज हत्या और उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर कुल 22,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना भुड़कुड़ा थाना क्षेत्र की है। पुलिस के अनुसार, 28 जनवरी 2020 को थाने में दहेज उत्पीड़न और हत्या (मु0अ0सं0 12/2020) की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि ससुरालीजनों ने दहेज की मांग को लेकर विवाहिता को प्रताड़ित किया और उसकी हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने विवेचना पूरी कर आरोपी राकेश राजभर पुत्र गोरख राजभर (निवासी भुड़कुड़ा) के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
पुलिस की पैरवी से मिली सजा
मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन पक्ष ने अदालत में गवाहों और सबूतों को मजबूती से रखा। मंगलवार (23 दिसंबर) को सुनवाई पूरी करते हुए माननीय न्यायालय ने राकेश राजभर को दोषी माना।
सजा का विवरण:
धारा 304B (दहेज मृत्यु): 10 वर्ष का सश्रम कारावास।
धारा 3 डीपी एक्ट: 05 वर्ष का सश्रम कारावास और 15,000 रुपये जुर्माना।
धारा 498A: 02 वर्ष का सश्रम कारावास और 5,000 रुपये जुर्माना।
धारा 4 डीपी एक्ट: 01 वर्ष का सश्रम कारावास और 2,000 रुपये जुर्माना।
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पुलिस विभाग ने इसे 'मिशन शक्ति' और महिला सुरक्षा की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया है।
जिला संवाददाता राम प्रवेश राय की रिपोर्ट

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