टप्पेबाजी करने वाले 'अंतरजनपदीय गैंग' का भंडाफोड़, लखनऊ के 3 शातिर दबोचे; लगभग 7 लाख की रिकवरी और किलो भर 'पीली धातु' बरामद
BBC CRIME TV
उत्तरप्रदेश,कानपुर नगर
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने शनिवार को अपराध जगत पर बड़ी चोट करते हुए एक शातिर अंतरजनपदीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। थाना पनकी पुलिस और पश्चिम जोन की स्वाट/सर्विलांस टीम ने संयुक्त ऑपरेशन में तीन ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो लखनऊ से आकर कानपुर में टप्पेबाजी और चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। पुलिस ने इनके पास से 3 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जबकि इनके बैंक खातों में जमा करीब 4 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने इंडस्ट्रियल एरिया स्थित पतंजलि गोदाम के सामने अंडरपास के पास घेराबंदी की। यहां से संदिग्ध अवस्था में खड़े तीन युवकों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में इनकी पहचान बीरबल (40), किशोर कुमार (32) और नारायन (23) के रूप में हुई। ये तीनों लखनऊ के कैंट और बन्थरा इलाके के रहने वाले हैं।
पुलिस की छानबीन में आरोपियों के पास से लोहे की दो छोटी चिमटी, नेल कटर और लकड़ी में लिपटा पतला तार मिला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये गैंग भीड़भाड़ वाले इलाकों में इन्हीं औजारों की मदद से लोगों का सामान पार कर देता था या "पीली धातु" (नकली सोना) दिखाकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी (टप्पेबाजी) करता था।
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में माल बरामद किया है।
नकदी: 3,00,000 रुपये।
खाते फ्रीज: 4,00,000 रुपये।
जेवरात: 4 बड़े हार (पीली धातु), 2.310 किलोग्राम छोटे सिक्के (पीली धातु), 17 बड़े व 7 छोटे सफेद धातु के सिक्के, 2 अंगूठी और 1 चैन का टुकड़ा।
गैजेट्स: 10 कीपैड मोबाइल फोन।
इस बड़े खुलासे में पनकी प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार भदौरिया, स्वाट प्रभारी विपिन मोरल, एसआई रवि कुमार, निशांत कुमार, रामबाबू अनुरागी और हेड कांस्टेबल देवी सिंह व राजीव कुमार (साइबर सेल) की भूमिका अहम रही। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4)/317(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।
सुरेश राठौर

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