ट्रेन के आउटर पर शिकार करने वाला 'मैनपुरी गैंग' गिरफ्तार, जीआरपी को मिली सफलता
BBC CRIME TV
उत्तरप्रदेश,कानपुर नगर
रेल यात्रियों की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले और आउटर पर ट्रेनों के धीमे होते ही झपट्टा मारकर लूटने वाले एक शातिर अंतरजनपदीय गिरोह का जीआरपी कानपुर सेंट्रल ने पर्दाफाश किया है। पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज प्रशांत वर्मा और सीओ जीआरपी दुष्यंत कुमार सिंह के कड़े निर्देशों के बाद अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में थाना प्रभारी निरीक्षक ओम नारायण सिंह की टीम को यह अहम कामयाबी मिली। सोमवार तड़के करीब डेढ़ बजे हैरिशगंज पुल के पास रेलवे ट्रैक के किनारे चेकिंग के दौरान पुलिस ने तीन संदिग्ध युवकों को घेराबंदी कर दबोच लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से चोरी और छिनैती के तीन महंगे स्मार्टफोन्स बरामद हुए, जिनकी अनुमानित कीमत करीब एक लाख पैंसठ हजार रुपये आंकी गई है।
पुलिस की गिरफ्त में आए तीनों शातिर अपराधी मैनपुरी जनपद के रहने वाले हैं। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम नईम उर्फ नाजिम, विशाल गिहार और मनीष उर्फ टिन्नी बताया। इन बदमाशों ने पुलिस को बताया कि वे स्टेशन के आउटर सिग्नल पर झाड़ियों और खंभों की आड़ में छिपकर शिकार का इंतजार करते थे। जैसे ही ट्रेन आउटर पर धीमी होती, वे खिड़की या दरवाजे के पास बैठे यात्रियों के मोबाइल और सामान पर झपट्टा मारकर अंधेरे में गायब हो जाते थे। कई बार ये शातिर यात्री बनकर ट्रेन में चढ़ते थे और मौका पाकर सामान चोरी कर चलती ट्रेन से कूद जाते थे।
हैरानी की बात यह है कि पकड़े गए तीनों युवक पेशेवर अपराधी हैं और इनका लंबा आपराधिक इतिहास है। गैंग के मुख्य आरोपी नईम उर्फ नाजिम पर मैनपुरी और कानपुर में करीब आठ मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें पॉक्सो एक्ट और एससी/एसटी एक्ट जैसी बेहद गंभीर धाराएं भी शामिल हैं। इसी तरह विशाल गिहार पर नौ और मनीष उर्फ टिन्नी पर तीन मुकदमे पहले से दर्ज हैं। जीआरपी ने तीनों अभियुक्तों के खिलाफ विधिक कार्यवाही करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है। इस गुडवर्क को अंजाम देने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक के साथ उपनिरीक्षक अर्पित तिवारी, विनोद यादव और अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।
सुरेश राठौर

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