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मुख्यमंत्री से मुलाकात की जिद पर अड़े ऑटो-लोडर चालक, अधिकारियों को ज्ञापन देने से साफ इनकार

प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप, बोले- जब तक मुख्यमंत्री स्वयं ज्ञापन नहीं लेंगे, तब तक जारी रहेगा आंदोलन

BBC CRIME TV

​उत्तरप्रदेश,लखनऊ 

राजधानी के इको गार्डन में अपनी लंबित मांगों को लेकर डटे उत्तर प्रदेश ऑटो-लोडर संयुक्त कल्याण समिति के चालकों का सब्र अब जवाब देने लगा है। प्रदेश भर से आए हजारों चालकों ने अब 'करो या मरो' की तर्ज पर आंदोलन तेज कर दिया है। संगठन ने दो टूक ऐलान किया है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं उनकी समस्याएं नहीं सुनते और समाधान का लिखित आश्वासन नहीं देते, तब तक धरना समाप्त नहीं होगा।

समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक, यह धरना-प्रदर्शन 16 दिसंबर को शुरू हुआ था। 17 दिसंबर को जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि चालकों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराई जाएगी। लेकिन, 18 दिसंबर को पूरा दिन बीत जाने के बाद भी मुलाकात नहीं कराई गई और ज्ञापन किसी अधीनस्थ अधिकारी को सौंपने का दबाव बनाया गया। इससे चालकों में भारी रोष व्याप्त है। संगठन ने इसे प्रशासन की वादाखिलाफी बताते हुए 19 और 20 दिसंबर को भी धरना जारी रखा।

धरना स्थल पर हुंकार भरते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव जायसवाल ने कहा कि ऑटो-लोडर चालक प्रदेश की आपूर्ति व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। राशन, निर्माण सामग्री और जरूरी सामान की ढुलाई इन्हीं के कंधों पर है। इसके बावजूद चालकों को रोज प्रशासनिक उत्पीड़न, भारी-भरकम चालान और अव्यवहारिक नियमों का दंश झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "हमें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती है, लेकिन अब हमें ठोस समाधान चाहिए।"

प्रदर्शन के दौरान राजू जायसवाल,पीयूष प्रशांत सिंह, मोहम्मद वसीम खान, जितेंद्र कुमार रतन, दीपु गुप्ता, नूर आलम, राकेश कुमार कश्यप, उमा शंकर, राम उतार प्रजापति, रूहिद खान, गौरव पाल और अजय साहू समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी व चालक मौजूद रहे।

सुरेश राठौर 

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