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ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते: RPF ने उरई से भटक कर आए बच्चे को चाइल्ड लाइन को सौंपा, अब तक 441 बच्चों का हुआ रेस्क्यू

BBC CRIME TV

उत्तरप्रदेश,कानपुर नगर 


रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' एक बार फिर एक मासूम के लिए जीवनदाता साबित हुआ है। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के अंतर्गत कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर RPF ने तत्परता दिखाते हुए घर से भटके एक 11 वर्षीय बच्चे को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है।

घटना 22 दिसंबर की है, जब रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट उप निरीक्षक एस.के. कटियार अपनी टीम के साथ प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान मेन हॉल के सामने एक बच्चा लावारिस हालत में घूमता हुआ दिखाई दिया। संदेह होने पर RPF टीम ने उससे पूछताछ की। डरे-सहमे बच्चे को RPF पोस्ट लाया गया, जहां उसे सुरक्षित माहौल दिया गया। पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम फरमान (11 वर्ष), पुत्र जावेद, निवासी तिलक नगर, उरई बताया। उसने बताया कि वह कानपुर घूमने के लिए आया था और भटक गया।

RPF ने तत्काल इसकी सूचना चाइल्ड लाइन कानपुर को दी। सूचना मिलते ही 23 दिसंबर को चाइल्ड लाइन सुपरवाइजर RPF पोस्ट पहुंचे, जहां नियमानुसार बच्चे को उनकी कस्टडी में सौंप दिया गया। अब संस्था द्वारा बच्चे को उसके परिजनों तक पहुँचाने की प्रक्रिया की जाएगी।

जनसंपर्क अधिकारी (प्रयागराज मंडल) अमित कुमार सिंह ने बताया कि RPF बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील है। आंकड़ों के मुताबिक, प्रयागराज मंडल में वर्ष 2024–25 में कुल 621 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष 2025–26 में नवंबर माह तक 441 बच्चों को रेस्क्यू कर उनके परिजनों या चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंपा जा चुका है।

रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि यदि स्टेशन या ट्रेन में कोई बच्चा अकेला, रोता हुआ या संदिग्ध परिस्थिति में दिखे, तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर सूचना दें। आपकी एक कॉल किसी बच्चे को गलत हाथों में जाने से बचा सकती है।


सुरेश राठौर 

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