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उत्तरप्रदेश,गाजीपुर
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कर-करेत्तर और मासिक स्टाफ बैठक के दौरान अधिकारियों के पेंच कसे। बैठक में राजस्व वसूली में लापरवाही और बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाया।
बिजली विभाग के अधिकारियों से जवाब-तलब:
समीक्षा बैठक के दौरान बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता (SE) और चारों खंडों के अधिशासी अभियंता (XEN) नदारद मिले। इस घोर लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने इन सभी अनुपस्थित अधिकारियों से स्पष्टीकरण (Show Cause) देने का निर्देश दिया है।
5 साल पुराने मुकदमों की होगी 'डेली हियरिंग':
राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए डीएम ने ऐतिहासिक निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों (SDM) को निर्देश दिया कि 5 वर्ष से अधिक पुराने मुकदमों की सुनवाई अब प्रतिदिन की जाए।
इसके अलावा, धारा 24 (सीमांकन), धारा 116 (बंटवारा), धारा 80 (कृषि से अकृषि), धारा 34 (दाखिल-खारिज) और धारा 67 (अतिक्रमण) के लंबित मामलों का निस्तारण समय सीमा के भीतर करने का आदेश दिया गया। डीएम ने स्पष्ट कहा कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार धारा 34 के मामलों को गंभीरता से लें।
वसूली में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त:
कर-करेत्तर की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने वाणिज्य कर, परिवहन, आबकारी, स्टाम्प और नगर पालिका सहित अन्य विभागों को अपने लक्ष्य के सापेक्ष वसूली सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि राजस्व वसूली में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
किसानों को मिले समय पर मुआवजा:
'मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना' की समीक्षा करते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि पीड़ित किसान परिवारों को भुगतान समय से किया जाए, ताकि उन्हें अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि/रा) दिनेश कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी आयुष चौधरी सहित सभी एसडीएम और तहसीलदार मौजूद रहे।
जिला संवाददाता रामप्रवेश राय की रिपोर्ट


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